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समाज
| बड़ा आर्टिकल
Shwet Kumar Sinha
प्रिये प्रियतमा, आज एकबार फिर तुम्हारी नगरी में हूं...
किसी बस स्टॉप पर बस के रूकने पर जब वो परचून वाला चढ़ता तो हमदोनों के ही जीभ लपलपा उठते थे और हमदोनों जी भरकर फिर अपना बचपन जीते. अबकी भी अभी उसी बस में बैठा हूं, पर अकेला. तुम नहीं हो साथ मेरे. पिछली सीट पर ही हूं और बस की उछल-कूद जारी है. पर इसबार बचपन नहीं, तुम्हारे साथ बिताए वो सारे पल जी रहा हूं.
सिनेमा
| 3-मिनट में पढ़ें
तेजस पूनियां
@1602103889882155
Rosh Review: निर्देशक, एक्टर, प्रोड्यूसर आखिर किसकी सजा का फल है ‘रोष’
फ्रॉड किसी भी किस्म का हो सजा तो मिलनी चाहिए ना? और फिर संविधान भी तो यह हक़ देता है आपको की आप रिपोर्ट करें फ्रॉड की. अब यहां फिर से फर्ज कीजिए आपने रिपोर्ट कर दी लेकिन हुआ कुछ नहीं तो क्या करेंगे?
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
'मंटो इस्मत हाजिर है' का जब भी मंचन होता है, हिट ही रहता है
अठारह साल बाद भी मंटो और चुगताई सरीखे अच्छे लेखकों की कृतियों पर आधारित हाउसफुल शो हो रहे हैं. हालांकि पृथ्वी थियेटर के मंच की भी अपनी यूएसपी है नाटक प्रेमियों को खींचने की. 'मोटले' नाम की सार्थकता के अनुरूप ही थोड़ा प्रहसन है, चुटीलापन है, विविध साज सज्जा है और लिबरल होने तथा दिखने का मकसद भी है.
समाज
| 1-मिनट में पढ़ें
Udayvir Singh
एक कविता- देश की धरोहर युवा
इस कविता में युवाओं को सफलाता पाने के उपायों और देश के लिए उनकी जिम्मेदारी तथा मन को कंट्रोल करने के बारे मे बताया गया है.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
Shubham Singh Rajput
@3830767993816892
बचपन से मिला डर बुढ़ापे तक
बचपन में हम सबके भीतर एक डर समा जाता है. जो हमको मिलता है अपने दादा दादी या नानी के कहानी से. जो इस उद्देश से सुनाई जाती हैं कि हम कुछ सीखें.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
प्रेरक कहानी: सुशीला की सेवानिवृत्ति
सुशीला मात्र 8ठवीं तक पढ़ी थी. एक सरकारी दफ्तर में चपरासी के पद पर कार्यरत थी. नौकरी के 30 साल बाद रिटायर हो रही थी. फेयरवेल के दिन सुशीला के बारे में जो खुलासा हुआ, वो हर किसी को हैरान कर देने वाला था. सभी को पानी-चाय पिलाने वाली सुशीला का राज ऐसा होगा किसी ने सोचा तक नहीं था. एक दिलचस्प कहानी, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
श्वेत कुमार सिन्हा
@409932558004725
क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी?
फिर थोड़ी देर में विदाई समारोह समाप्त हुआ. ऑफिस के सभी लोगों ने भींगी आंखों से सुशीला को विदा किया. सुशीला को साथ लिए उसके तीनों बच्चे वापस घर की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे-पीछे पुलिस का कारवां भी चल पड़ा, जिसे ऑफिस के सभी स्टाफ अपनी खिड़की से देख रहे थे.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
अलग-अलग रंगों वाली एक दुनिया सफर करती है मुंबई लोकल में
मैं मुंबई लोकल ट्रेन (Mumbai Local Train) की जिंदगी हूं. पढ़िए मेरी रंग-बिरंगी कहानी...
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Doctor G Trailer: 'मेल टच' से पीछा कैसे छुड़ाएं, गुदगुदाती कहानी से सिखाएंगे आयुष्मान खुराना
Doctor G के ट्रेलर के हिसाब से फिल्म में आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) ने एक मेडिकल स्टूडेंट का किरदार निभाया है. जो हड्डी रोग विशेषज्ञ बनना चाहता है. लेकिन, कुछ कारणों से गायनोकॉलोजिस्ट यानी स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने पर मजबूर हो जाता है. फिल्म इसी प्लॉट डायलॉग्स के जरिये गुदगुदाते हुए आगे बढ़ती है. और, अंत में एक बड़े सामाजिक संदेश के साथ खत्म होती है.